लोकसभा के शीतकालीन सत्र में आज वरिष्ठ नागरिकों के आयकर में संभावित संशोधनों पर चर्चा हुई। सरकार ने इस विषय पर अपना रुख स्पष्ट किया है। आइए जानते हैं पूरी जानकारी।
लोकसभा में पूछा गया प्रश्न
वरिष्ठ नागरिक लंबे समय से अपनी पेंशन को आयकर से मुक्त करने और आयकर छूट की सीमा बढ़ाने की मांग कर रहे हैं। इसी संदर्भ में, श्री ईटेला राजेंद्र ने वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण से लोकसभा में प्रश्न पूछा:
- क्या सरकार वरिष्ठ नागरिकों को 7.5 लाख रुपये तक की वार्षिक आय पर कर छूट देने और 10 लाख रुपये तक की आय पर 5% आयकर लगाने पर विचार कर रही है?
- क्या राष्ट्रीय बचत प्रमाण पत्र (NSC) में निवेश पर कर कटौती की सीमा 1.5 लाख रुपये से बढ़ाकर 3 लाख रुपये की जाएगी?
वित्त राज्य मंत्री का जवाब
वित्त राज्य मंत्री श्री पंकज चौधरी ने उत्तर देते हुए कहा कि प्रत्येक वर्ष बजट प्रक्रिया के दौरान आयकर अधिनियम 1961 में संशोधन के लिए कई प्रस्ताव प्राप्त होते हैं और उन पर चर्चा की जाती है। उन्होंने स्पष्ट किया कि वर्तमान में सरकार पेंशनभोगियों और वरिष्ठ नागरिकों के आयकर में कोई राहत देने पर विचार नहीं कर रही है।
नागरिकों का दृष्टिकोण
वरिष्ठ नागरिकों का मानना है कि बढ़ती महंगाई और जीवनयापन की बढ़ती लागत को देखते हुए आयकर छूट की सीमा बढ़ाई जानी चाहिए। यह कदम उन्हें वित्तीय स्वतंत्रता प्रदान करेगा, लेकिन वर्तमान में सरकार इस पर विचार नहीं कर रही है।
निष्कर्ष
हालांकि वर्तमान में सरकार ने आयकर छूट या NSC निवेश सीमा में वृद्धि का कोई प्रस्ताव स्वीकार नहीं किया है, लेकिन उम्मीद है कि भविष्य में इन मुद्दों पर सकारात्मक कदम उठाए जाएंगे। वरिष्ठ नागरिकों के लिए आयकर में संशोधन से उनकी वित्तीय स्थिति में सुधार होगा और यह सरकार के कल्याणकारी दृष्टिकोण को और मजबूत करेगा।
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